इन्सेस्ट चुदाई स्टोरी मेरी मामी की प्यासी चूत चुदाई की है. सर्दी में मामी मेरे रूम में कुछ समय रही. रात में ठंड में सोते हुए हमारे जिस्म कैसे मिल गए?
नमस्ते दोस्तो, मेरा नाम अमन है और आज मैं पहली बार अपनी मामी की चुदाई के बारे में आप को अन्तर्वासना की सहायता से बताने जा रहा हूं.
कुछ गलती हो तो माफ़ करना क्योंकि ये मेरी पहली रियल इन्सेस्ट चुदाई स्टोरी है।
गोपनीयता के कारण मैंने सभी नाम बदल दिये हैं. बाकी की कहानी वैसी ही है जैसी कि घटित हुई थी. अब आप कहानी का आनंद लें.
मेरी मामी का नाम कुसुम (बदला हुआ नाम) है. उनकी उम्र 26 साल और मेरी 21 साल है.
मुझे साइज का तो उतना पता नहीं था इसलिए मैं बता नहीं पाऊंगा कि उस समय उनका साइज कितना था लेकिन उनके चूचे पूरे हाथ में भर जाते थे।
बात तब की है जब मैं 12वीं के एग्जाम देने वाला था. उसमें कुछ ही दिन बचे थे।
उस वक्त मैं शहर में कमरा लेकर पढ़ रहा था.
मेरे एग्जाम होने में मुश्किल से दो महीने का वक्त ही बचा हुआ था और कमरे पर रहते हुए मेरा समय खाना बनाने और दूसरे कामों में बहुत ज्यादा व्यर्थ हो जा रहा था.
इस वजह से मेरे घरवालों ने कुछ दिन मेरी मामी को मेरे यहां भेजने का फैसला किया.
मेरी मां ने मामा से बात कर ली और वो मामी को कुछ दिन के लिए मेरे यहां पर भेजने को राजी हो गये.
जहाँ मैं रहता था वहां मैंने एक रूम लिया हुआ था जिसमें मैंने एक बेड एक टेबल और एक कुर्सी डाल रखी थी.
रूम बड़ा होने की वजह से काफी जगह और भी बची थी.
मामी के आने के बाद हम लोगों को सोने की दिक्कत तो होनी ही थी तो उसके पहले ही मैंने एक रजाई और गद्दा उनके लिए लिया था.
क्योंकि एग्जाम मार्च में होने थे और मामी को जनवरी में आना था तो ठंड बहुत थी उस समय।
जब वो अपने घर से चलीं तो मम्मी ने बोला था कि उनको जाकर बस स्टेशन से रिसीव कर लेना.
मैं उनके आने से आधा घंटा पहले ही बस स्टेशन पर पहुंच गया.
जब मामी बस से उतर रही थीं मैं उनको देखता ही रह गया.
पहले मामी पतली थी और अब मामी का बदन भर गया था. उनका फिगर कुछ ज्यादा ही उभर आया था. वो एकदम से टॉप क्लास सेक्सी औरत बन गई थी.
मेरा तो मन किया कि वहीं जोर से पकड़ कर भींच लूं लेकिन ऐसा हो नहीं सकता था।
फिर हम लोग सीधे अपने रूम पर आये और थोड़ा आराम किया.
फिर मामी ने पूछा कि अमन घर में बनाने के लिए क्या है और क्या खाना पसंद करोगे?
मैं बोला- जो रखा हुआ है वही बना दीजिए. अब कल सब सामान ले कर आऊंगा।
मामी ने खाना बनाया. हम लोगों ने साथ में खाया.
फिर हम लोग आपस में बातें करने लगे.
कुछ देर बात करने के बाद वो कहने लगी- अमन मैं बहुत थक गयी हूं, बस का सफर काफी थकान भरा था इसलिए मैं अब थोड़ी देर आराम करना चाहती हूं.
मैंने कहा- ठीक है, आप सो जाइये, कहां सोना है आपको? बेड पर या नीचे वाले गद्दे पर?
मामी बोली- मैं नीचे वाले गद्दे पर सो जाऊंगी, तुम बेड पर सो जाना.
मैंने कहा- ठीक है।
हम लोग सोने के लिए अपना अपना बिस्तर सही करने लगे और अपने अपने बिस्तर में घुस गए.
रात को मैंने देखा कि मामी को फर्श पर ठंड लग रही थी; उनका पूरा बदन सिकुड़ा हुआ था.
मैंने मामी से कहा कि आप ऊपर सो जाओ तो उसने मना कर दिया.
मुझे ये अच्छा नहीं लग रहा था कि मैं ऊपर बेड पर सो रहा हूं और मामी नीचे गद्दे पर सो रही थी.
मैंने उनको फिर से बोला लेकिन उन्होंने फिर भी मना कर दिया.
किसी तरह से फिर मैंने उनको रिक्वेस्ट की और मनाया तो वो मान गयी और ऊपर सोने के लिए तैयार हो गयीं.
मैं नीचे जाकर फर्श पर बिछे गद्दे पर सो गया.
मगर फर्श बहुत ठंडा था और गद्दा भी नीचे से ठंडा पड़ा हुआ था.
मेरी तो ठंड में गांड फटने लगी. मैंने सोचा कि पता नहीं मामी ने इतनी देर इतनी ठंड को कैसे सहन कर लिया.
फिर मैं भी पैर सिकोड़ कर सो गया.
अगली सुबह मैंने मामी से पूछा कि आप इतनी ठंड में कैसे सोती रही?
तो वो बोली- अगर तुम बेड पर लेटने के लिए न पूछते तो नहीं सो पाती.
अगले दिन हमारा वक्त ऐसे ही गुजर गया. दिन में मैंने पढ़ाई की और मामी के साथ फिर शाम को मार्केट से सामान लेने चला गया.
रात को फिर से सोने की बारी आई तो मामी कहने लगी कि अगर तुझे ठंड लगती है तो मैं ही नीचे सो जाऊंगी. तुम ऊपर बेड पर सो जाना.
मैंने सोचा कि मैं मामी को नीचे नहीं सुला सकता. मगर खुद नीचे सोने में मेरी भी गांड फट रही थी.
फिर हम दोनों ने सोचा कि उसी बेड पर सो जायेंगे.
हमने अलग अलग कोने में सोने का फैसला किया.
मगर बेड सिंगल था तो उस पर ज्यादा जगह नहीं थी. फिर हम दोनों एक दूसरे की तरफ गांड करके सोने लगे.
रात को जब बगल से हवा लगने लगी तो मामी पीछे आ गई.
मुझे भी हवा लग रही थी तो मैं भी पीछे आ गया. हम दोनों की गान्ड टच होने लगी एक दूसरे से।
मामी ने अपना मुंह मेरी साइड कर दिया. मैं तब भी वैसे ही सोया था लेकिन रात को कब मैं घूम गया पता ही नहीं चला.
एक दूसरे की सांसें हमारे एक दूसरे के चेहरे पर पड़ रही थीं.
मैंने रात को नींद में ज्यादा ध्यान नहीं दिया लेकिन जब हम सुबह उठे तो बिल्कुल पास पास में ही थे।
तब मामी तुरंत उठ कर चली गई.
उसके बाद हम दोनों एक ही बेड पर सोने लगे.
फिर एक दिन ऐसा हुआ कि बात हमारी सोच से बहुत आगे तक चली गयी. हमने कभी सोचा भी नहीं था कि ऐसा होगा।
एक रोज दोपहर में जब हम सो रहे थे तो मेरा हाथ पर मामी का सिर के आ गया.
मुझे जब पता चला तो मेरा हाथ उनके सिर के नीचे दबा हुआ था और मैंने मामी को उठाना ठीक नहीं समझा.
मैंने पाया कि मामी की गांड मेरे लंड के बहुत करीब आ गयी थी. उनकी गान्ड मेरे लंड को छूने लगी थी.
मुझे पता नहीं क्या हुआ कि मेरा लंड खड़ा होने लगा; मन में चुदाई के ख्याल आने लगे.
फिर मैंने थोड़ा सा और अपनी गांड को आगे की ओर धकेला और अपना आधा तनाव में आ चुका लंड मामी की गांड से थोड़ा और ज्यादा सटा दिया.
मैंने थोड़ा सा आगे आकर थोड़ा और लंड को चुभाया. मैं भी गांड पर लंड से दबाव लगा.
मुझे महसूस हुआ कि मामी की गांड भी पीछे की ओर ही जोर लगा रही थी.
शायद मामी जाग रही थी.
मगर मैं अभी पूरे भरोसे के साथ नहीं कह सकता था.
फिर मैंने लंड का दबाव बढ़ाना रोका और देखने लगा कि क्या मामी भी मेरे लंड पर अपनी गांड को सटाने की कोशिश कर रही है?
मैंने पाया कि मामी की गांड मेरे लंड की ओर सटती चली आ रही थी.
अब मेरी हिम्मत बढ़ी और मैंने मामी की गांड की दरार के ठीक बीच में लंड का टोपे वाला नुकीला भाग लगाया और आगे हाथ ले जाकर उनकी चूची पकड़ ली.
मामी की चूत हाथ में आते ही मैं उसको जोर जोर से दबाने लगा और उनकी गांड पर लंड के धक्के देने लगा जैसे कि मैं उनको चोदने की कोशिश कर रहा हूं.
वो एकदम से हड़बड़ा कर उठी और मेरी तरफ गुस्से से देखने लगी.
मामी बोली- ये क्या कर रहा है अमन तू … ये क्या हरकत है? मुझे नहीं पता था कि तू इतना बिगड़ चुका है. मैं आज ही तेरी मां से इसकी शिकायत करूंगी.
को चूमने चाटने लगे. अब हम दोनों के हाथ एक दूसरे के चेहरे पर आ गये थे. हम दोनों एक दूसरे के चेहरे को चूम रहे थे.
उसके बाद मैंने मामी के कपड़े उतारने शुरू कर दिये. उसकी साड़ी को खोला और ब्लाउज के ऊपर से उसके मम्मे दबाये.
वो भी काफी गर्म थी इसलिए जल्दी से सेक्स का मजा लेना चाहती थी.
मामी ने अपना ब्लाउज और ब्रा जल्दी से खोल दिया और चूचे आजाद कर दिये.
मैंने उनकी चूचियों को मुंह में लेकर पीना शुरू कर दिया. एक चूची को पीते हुए मैं दूसरी को हाथ से दबा रहा था.
अब मेरा हाथ नीचे उनके पेटीकोट के ऊपर से उनकी चूत का स्पर्श पाने की कोशिश में लगा हुआ था.
मैंने मामी के पेटीकोट के नाड़े को खोलने की कोशिश की तो मामी ने नाड़ा खुद ही ढीला कर दिया.
तुरंत मैंने हाथ अंदर दे दिया. मेरा हाथ सीधा उनकी चूत पर पहुंच गया जिस पर मामी ने पैंटी भी नहीं पहनी थी.
फिर मैं उनकी चूत को सहलाते हुए उनके चूचे पीने लगा.
गये थे।
मेरा स्पर्म उसकी चूत के अंदर ही गिर गया.
उस रात फिर ऐसे हम लोगों ने तीन बार चुदाई की और रोज ही करने लगे.
वहां पर हमें कोई रोकने वाला नहीं था.
मैं रोज ही मामी की चुदाई करने लगा और बहुत ही मजा आने लगा.
मैं तो अब मजे में था मगर धीरे धीरे चुदाई करते हुए टाइम का पता नहीं चला और मेरे एग्जाम पास आ गये.
फिर एग्जाम से कुछ दिन पहले वो अपने घर चली गई और मैं आगे की पढ़ाई के लिए तैयारी करने लगा.
एक दिन मामी का फोन आया और जो उसने बताया उसे सुनकर मैं हैरान हो गया.
मामी बोली- अमन … मेरे पेट में तुम्हारा बच्चा है। तुम पापा बनने वाले हो।
ये सुनकर मेरे हाथ पैर कांपने लगे.
मैं वहीं बैठ गया. मुझे कुछ समझ ही नहीं आ रहा था कि क्या हो रहा है.
फिर मैंने खुद को थोड़ा संभाला और कहा- क्या ये सच है मामी?
वो बोली- हां, बिल्कुल सच है, मेरे पेट में तुम्हारा ही बच्चा है और मैं इसे जन्म दूंगी.
वो बोली- मगर अमन तुम्हें मेरी कसम है कि ये बात सिर्फ तुम्हें और मुझे पता है. ये बात तुम किसी से नहीं कहोगे.
दोस्तो, अपने बच्चे के लिए मैंने भी कसम खा ली. आज तक भी मैंने वो कसम नहीं तोड़ी है.
फिर नौ महीने के बाद मामी ने एक बेटे को जन्म दिया. मैं एक बच्चे का बाप बन गया था.
मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा था कि मामी के पेट से मेरा बच्चा निकला है. मगर मामी बहुत खुश थी. मैं भी खुश था.
अभी तक ये राज हम दोनों के बीच में ही है. मगर मैंने आज ये बात कहानी के माध्यम से आप लोगों को बताई है. आपको ये इन्सेस्ट चुदाई स्टोरी पढ़कर कैसा लगा मुझे जरूर बताना. मैं भी जानना चाहता हूं कि आप क्या सोचते हैं इस बारे में।
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